महाराष्ट्र सरकार पर जुर्माना.
Posted by Kusum Thakur Tuesday, December 14, 2010
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में साहूकारी (निजी स्तर पर ब्याज पर ऋण देना) पर नियंत्रण के लिए बनाए गए कानून को लागू किए जाने में हस्तक्षेप करने के लिए विलासराव देशमुख की मंगलवार को फटकार लगाते हुए महाराष्ट्र सरकार पर दस लाख रुपए का जुर्माना लगाया है.
कोर्ट ने कहा है कि किसी भी मुख्यमंत्री को सिस्टम में दखलअंदाजी का अधिकार नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति जी.एस.सिंघवी और न्यायमूर्ति ए.के.गांगुली की पीठ ने अपने फैसले में कहा, "राज्य में साहूकारी नियमन अधिनियम-1946 के क्रियान्वयन में हस्तक्षेप करने का मुख्यमंत्री को कोई अधिकार नहीं है."
राज्य की याचिका खारिज करते हुए अदालत ने राज्य सरकार पर दस लाख रुपए का जुर्माना लगाया. यह धनराधि गरीब वादियों की मदद के लिए महाराष्ट्र राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण में जमा कराई जाएगी.
पूर्व मुख्यमंत्री देशमुख को सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी का सामना इसलिए करना पड़ा, क्योंकि उन्होंने कांग्रेसी विधायक दिलीप कुमार सानंदा के एक रिश्तेदार के खिलाफ किसानों की शिकायत पर कार्रवाई करने से प्रशासन और पुलिस को रोक दिया था. कांग्रेस विधायक का रिश्तेदार साहूकारी की गतिविधियों में लिप्त था .
Tuesday, December 14, 2010
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