Monday, September 12, 2011

जनलोकपाल के लिए रेफरेंडम कराने का फैसला.-September 12, 2011

Posted by Kusum Thakur Monday, September 12, 2011

अन्ना हजारे के पैतृक गांव रालेगण सिद्धी में दो दिन के चिंतन शिविर के बाद टीम अन्ना ने संसद की स्टेंडिंग कमेटी के सदस्यों और वरिष्ठ नेताओं के संसदीय क्षेत्रों में जनलोकपाल के लिए रेफरेंडम कराने का फैसला लिया है। देश भर में भ्रष्टाचार के विरोध में यात्राएं निकालने का भी निर्णय लिया गया। टीम अन्ना का पूरा जोर इस बात पर रहा कि किसी भी तरह केंद्र सरकार पर दवाब बनाकर शीत सत्र में जनलोकपाल बिल पारित करा लिया जाए।

दो दिन के चिंतन शिविर में इस बात पर अधिक चर्चा की गई कि आंदोलन पर किस तरह के प्रश्न उठाए जा रहे हैं और उनका जवाब कैसे दिया जाए। टीम अन्ना ने इस बात को भी जोर देकर स्पष्ट किया कि आरएसएस या किसी भी राजनीतिक दल से उसका कोई संबंध नहीं है और ऐसा आरोप लगाने वाले लोगों और मीडिया संस्थानों के खिलाफ कानूनी नोटिस भेजा जाएगा। टीम अन्ना ने आंदोलन पर हुए खर्च पर उठ रहे सवालों का जवाब देने की भी पूरी तैयारी कर ली है और यह तय किया गया है कि आंदोलन चला रही संस्था पीपुल्स कॉज रिसर्च फाउंडेशन का मार्च से लेकर सितंबर तक का विशेष ऑडिट कराया जाएगा और इसे वेबसाइट पर जारी किया जाएगा।

चिंतन शिविर के दौरान टीम की कोर कमेटी के सदस्यों की पारदर्शिता पर भी जोर दिया गया और यह तय किया गया है कि आंदोलन या टीम के किसी भी सदस्य पर लगने वाले भ्रष्टाचार के किसी भी आरोप की जांच के लिए तीन रिटायर्ड जजों की कमेटी बनाई जाएगी। टीम अन्ना ने यह भी साफ किया कि जजों की बैंच का निर्णय अंतिम एव मान्य होगा।

अरविंद केजरीवाल ने बताया कि जल्द ही अन्ना हजारे और उनकी टीम देश भर में दौरा कर भ्रष्टाचार के विरोध में जनजागृति अभियान चलाएगी। सबसे पहले जिन राज्यों में चुनाव है वहां यात्रांए निकाली जाएंगी और लोगों को समझाया जाएगा कि कौनसी पार्टी जनलोकपाल का समर्थन कर रही है और कौन सी पार्टी समर्थन नहीं कर रही है। कोर कमेटी की सदस्य मेधा पाटकर ने यह भी स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार राजनीतिक मुद्दा है और इस पर राजनीति होनी चाहिए और जो पार्टियां भ्रष्टाचार का विरोध करती हैं, जनलोकपाल पर अपनी राय साफ करती हैं और पारदर्शिता को बढ़ावा देती हैं उन्हें चुनावों में फायदा मिलना चाहिए।

टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने दिग्विजय सिंह के आरएसएस से संबंधों के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिग्विजय खुद आरएसएस से डरते हैं। टीम अन्ना के आरएसएस से किसी भी तरह के संबंध नहीं है। अरविंद केजरीवाल ने यह भी साफ किया कि उनके पिता के कभी भी लालकृष्ण आडवाणी से रिश्ते नहीं रहे और न ही वो आरएसएस से जुड़े थे। कवि कुमार विस्वास ने जरूर यह कहा कि वो एक समय आरएसएस के कार्यकर्ता थे लेकिन अब उनका भी आरएसएस से किसी भी प्रकार का कोई संबंध नहीं है। अरविंद केजरीवाल ने दिग्विजय पर वार करते हुए यह भी कहा कि वो पागल हो गए हैं और उन पर आरएसएस का भूत सवार है। टीम अन्ना ने यह भी आह्वान किया है कि लोग जत्थे बनाकर अफसरों के पास जाएं और उनसे भ्रष्टाचार के खिलाफ संकल्प लेने का आह्वान करें।

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