केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने साफ कहा है कि जयपुर को विश्व स्तर की यूनिवर्सिटी जल्द मिलेगी।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने साफ कहा है कि जयपुर को विश्व स्तर की यूनिवर्सिटी जल्द मिलेगी। जो वादा किया है उसे पूरा करेंगे।इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सिब्बल से जयपुर के लिए यह कहते हुए विश्व स्तर की यूनिवर्सिटी मांगी थी कि आपने जोधपुर को आईआईटी, उदयपुर को आईआईएम और अजमेर को सेंट्रल यूनिवर्सिटी देकर राजस्थान के शैक्षिक जगत को निहाल कर दिया है। सिब्बल ने गहलोत की यह मांग भी तत्काल मान ली कि प्रोफेशनल कोर्सेज की तरह स्थानीय जरूरतों पर आधारित स्कूल और कॉलेज स्तर पर वोकेशनल डिग्रियां भी शुरू की जाएं। वे वोकेशनल कोर्सेज को लेकर जल्द ही देश के विभिन्न शिक्षा बोर्ड की बैठक में विचार करेंगे।
उन्होंने बताया कि लगभग 12 हजार 500 वोकेशनल कोर्स हो सकते हैं। सिब्बल ने गहलोत की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा कि इतने बोर्डो के अध्यक्षों और विवि के कुलपतियों में से किसी के भी दिमाग में इस तरह की डिग्री की बात नहीं आई, लेकिन गहलोत ने एक नई तरह की बेहद उपयोगी डिग्री की जरूरत पर जोर दिया है। इस पर भी मंत्रालय जल्द काम शुरू करेगा। वोकेशनल डिग्री आठवीं कक्षा से ही शुरू हो जाएगी। इसका मकसद स्थानीय परिवारों को आर्थिक मजबूती देना है।
सिब्बल ने संकेत दिए कि यूजीसी की जगह एक नए संस्थान का विचार भी जल्द मूर्त रूप ले सकता है। इस पर अभी काम जारी है। समारोह की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश में ई-गवर्नेस से ही गुड गवर्नेस संभव है। उन्होंने कहा कि बच्चों को स्कूल शिक्षा से जोड़ने के सभी प्रयास जारी हैं फिर भी बड़ी संख्या में ड्रॉप आउट चिंता का विषय है। अकेली सरकार के प्रयास काफी नहीं हैं। इसमें सामाजिक संगठनों, एनजीओ, समाजसेवियों को भी आगे आना होगा।
केन्द्रीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार राज्य मंत्री सचिन पायलट ने कहा कि अब फेल-पास की शिक्षा नहीं होनी चाहिए। प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च माध्यमिक स्तर तक हमें आईटी क्षेत्र पर ध्यान देना जरूरी है। अब हम पूरे देश को नॉलेज सोसायटी के रूप में विकसित करना चाहते हैं। समारोह में राजस्थान के शिक्षा मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल, शिक्षा राज्य मंत्री मांगीलाल गरासिया ने भी विचार व्यक्त किए। इससे पूर्व बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सुभाष गर्ग ने अधिवेशन पर प्रकाश डाला। अधिवेशन में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सहित देशभर के शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष और शिक्षाविद् भाग ले रहे हैं। इस मौके पर सिब्बल और कोब्से के महासचिव डीवी शर्मा ने कोब्से की डायरेक्ट्री का विमोचन भी किया।
सिब्बल ने बाद में बोर्ड अध्यक्षों पर बरसते हुए कहा कि बच्चों में पढ़ाई का बोझ घटाने के लिए घर पर कुछ चीजें तैयार करवाने के रोचक कार्यक्रम शुरू करवाए थे, ताकि बच्च सृजनात्मक गतिविधियों में रुचि ले, लेकिन शिक्षकों ने इसे इतना उलटे ढंग से लागू किया कि बच्चे के साथ-साथ मां-बाप का बर्डन भी बढ़ गया।
अगले दो-तीन साल के बाद 12वीं पास छात्रों को देश के किसी भी कॉलेज में प्रवेश लेने के लिए सिर्फ एक टेस्ट देना होगा। सब कॉलेजों की एक मेरिट लिस्ट बनेगी। सरकारी स्कूलों के बच्चों को जल्द ही 750 रु. का कंप्यूटर दिया जाएगा। कोब्से परीक्षा में बदलाव के बारे में सुझाव देने के लिए कमेटी बनाए और तीन माह में रिपोर्ट दे। 2020 तक विश्व के सभी देशों की समस्याओं के समाधान भारत से निकलेंगे।
सिब्बल ने कहा कि सभी राज्य सरकारें या बोर्ड कोब्से को दो लाख रुपए देंगे। यह फंड मिलने से कोब्से और बेहतर ढंग से कार्य कर सकेगा। उनकी इच्छा है कि राजस्थान से इसकी शुरुआत हो। इस पर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड,राजस्थान के अध्यक्ष डॉ. सुभाष गर्ग ने कोब्से को दो लाख रुपए देने की घोषणा कर दी।
जो वादा किया है उसे पूरा करेंगे।इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सिब्बल से जयपुर के लिए यह कहते हुए विश्व स्तर की यूनिवर्सिटी मांगी थी कि आपने जोधपुर को आईआईटी, उदयपुर को आईआईएम और अजमेर को सेंट्रल यूनिवर्सिटी देकर राजस्थान के शैक्षिक जगत को निहाल कर दिया है। सिब्बल ने गहलोत की यह मांग भी तत्काल मान ली कि प्रोफेशनल कोर्सेज की तरह स्थानीय जरूरतों पर आधारित स्कूल और कॉलेज स्तर पर वोकेशनल डिग्रियां भी शुरू की जाएं। वे वोकेशनल कोर्सेज को लेकर जल्द ही देश के विभिन्न शिक्षा बोर्ड की बैठक में विचार करेंगे।
उन्होंने बताया कि लगभग 12 हजार 500 वोकेशनल कोर्स हो सकते हैं। सिब्बल ने गहलोत की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा कि इतने बोर्डो के अध्यक्षों और विवि के कुलपतियों में से किसी के भी दिमाग में इस तरह की डिग्री की बात नहीं आई, लेकिन गहलोत ने एक नई तरह की बेहद उपयोगी डिग्री की जरूरत पर जोर दिया है। इस पर भी मंत्रालय जल्द काम शुरू करेगा। वोकेशनल डिग्री आठवीं कक्षा से ही शुरू हो जाएगी। इसका मकसद स्थानीय परिवारों को आर्थिक मजबूती देना है।
सिब्बल ने संकेत दिए कि यूजीसी की जगह एक नए संस्थान का विचार भी जल्द मूर्त रूप ले सकता है। इस पर अभी काम जारी है। समारोह की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश में ई-गवर्नेस से ही गुड गवर्नेस संभव है। उन्होंने कहा कि बच्चों को स्कूल शिक्षा से जोड़ने के सभी प्रयास जारी हैं फिर भी बड़ी संख्या में ड्रॉप आउट चिंता का विषय है। अकेली सरकार के प्रयास काफी नहीं हैं। इसमें सामाजिक संगठनों, एनजीओ, समाजसेवियों को भी आगे आना होगा।
केन्द्रीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार राज्य मंत्री सचिन पायलट ने कहा कि अब फेल-पास की शिक्षा नहीं होनी चाहिए। प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च माध्यमिक स्तर तक हमें आईटी क्षेत्र पर ध्यान देना जरूरी है। अब हम पूरे देश को नॉलेज सोसायटी के रूप में विकसित करना चाहते हैं। समारोह में राजस्थान के शिक्षा मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल, शिक्षा राज्य मंत्री मांगीलाल गरासिया ने भी विचार व्यक्त किए। इससे पूर्व बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सुभाष गर्ग ने अधिवेशन पर प्रकाश डाला। अधिवेशन में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सहित देशभर के शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष और शिक्षाविद् भाग ले रहे हैं। इस मौके पर सिब्बल और कोब्से के महासचिव डीवी शर्मा ने कोब्से की डायरेक्ट्री का विमोचन भी किया।
सिब्बल ने बाद में बोर्ड अध्यक्षों पर बरसते हुए कहा कि बच्चों में पढ़ाई का बोझ घटाने के लिए घर पर कुछ चीजें तैयार करवाने के रोचक कार्यक्रम शुरू करवाए थे, ताकि बच्च सृजनात्मक गतिविधियों में रुचि ले, लेकिन शिक्षकों ने इसे इतना उलटे ढंग से लागू किया कि बच्चे के साथ-साथ मां-बाप का बर्डन भी बढ़ गया।
अगले दो-तीन साल के बाद 12वीं पास छात्रों को देश के किसी भी कॉलेज में प्रवेश लेने के लिए सिर्फ एक टेस्ट देना होगा। सब कॉलेजों की एक मेरिट लिस्ट बनेगी। सरकारी स्कूलों के बच्चों को जल्द ही 750 रु. का कंप्यूटर दिया जाएगा। कोब्से परीक्षा में बदलाव के बारे में सुझाव देने के लिए कमेटी बनाए और तीन माह में रिपोर्ट दे। 2020 तक विश्व के सभी देशों की समस्याओं के समाधान भारत से निकलेंगे।
सिब्बल ने कहा कि सभी राज्य सरकारें या बोर्ड कोब्से को दो लाख रुपए देंगे। यह फंड मिलने से कोब्से और बेहतर ढंग से कार्य कर सकेगा। उनकी इच्छा है कि राजस्थान से इसकी शुरुआत हो। इस पर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड,राजस्थान के अध्यक्ष डॉ. सुभाष गर्ग ने कोब्से को दो लाख रुपए देने की घोषणा कर दी।
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