कर्नाटक संकट, आज शक्ति परीक्षण
बेंगलुरु/चेन्नई, सोमवार, 11 अक्टूबर 2010( 00:30 IST )
कर्नाटक विधानसभा में सोमवार को विश्वास मत हासिल करने की जद्दोजहद कर रहे मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की मुश्किलें आज उस समय और बढ़ गईं, जब राज्यपाल हंसराज भारद्वाज ने विधानसभा अध्यक्ष के जी बोपैया को छह अक्टूबर की स्थति बनाए रखने का निर्देश दिया, जिस पर बोपैया ने बागी सदस्यों को अयोग्य ठहराने से संबंधित याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रखा।
दूसरी ओर जदएस नेता एचडी कुमारस्वामी 11 बागी विधायकों के पक्ष में अपनी पूरी ताकत लगाए हुए हैं। वहीं असंतुष्ट विधायकों का कहना है कि वे किसी भी कीमत पर नहीं झुकेंगे। इस मामले में सत्तारूढ़ भाजपा ने राज्यपाल पर पक्षपात का आरोप लगाया है।
संकट से जूझ रहे मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को पहले ही कुमारस्वामी की ओर से काफी परेशानी पेश आ रही थी और अब विधानसभा अध्यक्ष बोपैया को राज्यपाल के निर्देश से उनकी मुश्किलें और भी बढ़ गई हैं।
राज्यपाल हंसराज भारद्वाज के निर्देश पर विधानसभा अध्यक्ष बोपैया ने मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के इन सदस्यों को दलबदल कानून के तहत अयोग्य ठहराने की याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा। इससे पहले उन्होंने दोनों पक्षों की बातों को करीब तीन घंटे तक सुना।
उधर, राजभवन में उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में राज्यपाल ने कहा कि 224 सदस्यीय विधानसभा में छह अक्टूबर की स्थिति को बनाए रखना चाहिए। यह एक ऐसा निर्देश है, जो किसी भी विधायक के खिलाफ कार्रवाई की मनाही करता है।
राज्यपाल के निर्देश पर आपत्ति व्यक्त करते हुए विधानसभा अध्यक्ष बोपैया ने उन्हें पत्र लिखा है। पत्र में बोपैया ने कहा कि मुझे आपके पत्र की भाषा और बातों से आश्चर्य हुआ है। यह संवैधानिक प्राधिकार के रूप में मेरे काम में गंभीर हस्तक्षेप है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल को दोनों पक्षों के बीच तटस्थ रुख अपनाना चाहिए।
राज्य में विश्वास मत पर संख्याबल के खेल के गंभीर होने के बीच विधानसभा सीटों की संख्या के अनुरूप अगर 11 बागी भाजपा विधायक और पाँच निर्दलीय विधायक अपने रूख पर कायम रहते हैं तो सत्तारूढ़ पार्टी के पास बहुमत के जादुई आँकड़े 113 से छह सदस्य कम रहेंगे। भारद्वाज ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर इस निर्देश का कोई उल्लंघन होता है तो उनका निर्णय अंतिम होगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के बहुमत हासिल करने से संबंधित विश्वास मत पर कल सभी प्रक्रिया उनके निर्देश के अनुरूप कानून के तहत होगी और सभी विधायकों को इसमें शामिल होने का अधिकार होगा।
राज्यपाल की ओर से विधानसभा अध्यक्ष को इस प्रकार के निर्देश से भाजपा की 11 बागी विधायकों को सदस्यता के अयोग्य ठहराने के संबंध में अपने मनमाफिक आदेश प्राप्त करने की उम्मीदों को धक्का लगा है।
उधर, कर्नाटक की भाजपा सरकार को गिराने की ठान चुके जदएस नेता एच डी कुमारस्वामी ने कहा कि उनकी पार्टी और कांग्रेस कल अहम विश्वास मत के दौरान इस सरकार को गिराने के लिए मिलकर काम करेंगे।
भाजपा के असंतुष्ट विधायकों के साथ बातचीत के लिए यहां आए कुमारस्वामी ने चेन्नईClick here to see more news from this city में कहा कि जदएस और कांग्रेस दोनों विपक्ष में हैं। हम भाजपा को पराजित करने के लिए एक साथ हैं। संवाददाता सम्मेलन में उनके साथ भाजपा के असंतुष्ट विधायक भी थे।
कुमारस्वामी ने आरोप लगाया कि कल विधानसभा में विश्वास मत जीतने के लिए भाजपा सरकारी मशीनरी और अध्यक्ष के पद का दुरूपयोग कर रही है।
असंतुष्ट भाजपा एवं निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद संकट से घिरे कर्नाटक के मुख्यमंत्री कल प्रदेश विधानसभा में विश्वास मत के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं पिछले 29 महीने की अवधि में उनके लिए शक्ति परीक्षण का दूसरा मौका है। येदियुरप्पा को इससे पहले छह जून 2008 को तत्कालीन राज्यपाल रामेश्वर ठाकुर के निर्देशों के तहत दक्षिण भारत में पहली भाजपा सरकार के लिए बहुमत साबित करना पड़ा था।
राज्यपाल को वापस बुलाएँ : कर्नाटक में कल विश्वास मत हासिल करने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा के जूझने के बीच विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से तत्काल प्रदेश के राज्यपाल हंसराज भरद्वाज को वापस बुलाने की माँग की।
सुषमा ने कहा कि कर्नाटक के राज्यपाल एचआर भारद्वाज के पक्षपातपूर्ण और असंवैधानिक रवैए से भाजपा स्तब्ध और आक्रोशित हैं, जिन्होंने विधानसभा के स्पीकर से पत्राचार कर सभी स्थापित मर्यादाओं तथा आचार व्यवहार को ध्वस्त कर दिया है। (भाषा)
Sunday, October 10, 2010
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