बिहार की बेटी ने एवरेस्ट पर झंडा फहराया.
बिहार के एक छोटे से गांव की निरूपमा पांडेय विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराकर लड़कियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गई हैं। उनकी इस सफलता से बिहार के इस छोटे से गांव में जश्न का माहौल है।
निरूपमा के 8,848 मीटर ऊंची माउंट एवरेस्ट फतह करने के बाद बिहार देश के उन 14 राज्यों में शामिल हो गया है जहां कम-से-कम एक माउंट एवरेस्ट विजेता है। बिहार के सीवान जिले के जामो जमालपुर गांव में जन्मी निरूपमा के पिता राजेंद्र पांडेय डाक-तार विभाग में कार्यरत हैं और उनकी मां उमा पांडेय गृहिणी हैं। निरूपमा की प्रारम्भिक शिक्षा गांव के ही एक विद्यालय में हुई जबकि उनकी उच्च विद्यालय की शिक्षा केंद्रीय विद्यालय से पूरी हुई। इसके बाद स्नातक और एमबीए की पढ़ाई निरूपमा ने पूरी की।
निरुपमा की शादी स्क्व्रेडन लीडर एवं पर्वतारोही प्रकाश झा के साथ हुआ है। बिहार के ही मधुबनी जिले के दामोदरपुर गांव के प्रकाश झा के साथ परिणय सूत्र में बंधने के बाद तो निरूपमा को पर्वतारोहण का ऐसा शौक पैदा हुआ कि उन्होंने माउंट एवरेस्ट को फतह करने की ठान ली। निरूपमा के जज्बे और उनकी इच्छाशक्ति को देखते हुए प्रकाश ने उनकी काफी मदद की और आज निरूपमा माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने वाली राज्य की पहली पर्वतारोही बन गई हैं। यही नहीं, निरूपमा ने एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए उन रास्तों को चुना जिनसे होकर हिलेरी और तेनसिंग पहली बार वर्ष 1953 में एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचे थे।
निरूपमा कहती हैं कि पति प्रकाश के सहयोग के बिना उनका यह सपना पूरा नहीं होता। वह कहती हैं कि बिहार में पर्वतारोहण के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। वह कहती हैं कि 25 मई को एवरेस्ट पर तिरंगा फहराना उनके जीवन का सबसे गौरवपूर्ण क्षण था। उनके माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई करने के बाद उनके छोटे से गांव में खुशी का माहौल है। निरूपमा के कारण ही बिहार के इस छोटे से गांव का नाम आज पूरी दुनिया जानती है। आज उनके गांव का ही नहीं, यहां के सभी लोगों का मान बढ़ा है।
निरूपमा की सफलता पर राज्य सरकार ने भी उन्हें सम्मानित करने का निर्णय लिया है। राज्य के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी कहते हैं कि बिहार का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन करने वाली निरूपमा को राज्य सरकार सम्मानित करेगी। राज्य की कला, संस्कृति एवं युवा विभाग की मंत्री सुखदा पांडेय कहती हैं कि निरूपमा की इस उपलब्धि से पूरा बिहार गौरवान्वित है। आज बिहार की लड़कियां हर जगह कामयाबी का परचम लहरा रही हैं। उन्होंने कहा कि निरूपमा को जल्दी ही बिहार बुलाकर सम्मानित किया जाएगा।
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