Monday, February 6, 2012

शाइनिंग बिहार की रोशनी से चौंधिया गईं विदेशियों की आंखें-(02/02/12)

शाइनिंग बिहार की रोशनी से चौंधिया गईं विदेशियों की आंखें

Source: bhaskar news | Last Updated 02:40(02/02/12)

पटना। साइनिंग बिहार की रोशनी देश से निकल कर विदेशियों की आंखें भी चौंधिया रही है। इसकी झलकी देखने चार देशों के सैन्य अधिकारी पटना पहुंचे हैं। बिहार परिदर्शन के लिए आये सैन्य अधिकारियों की दिलचस्पी बिहार के गांवों में सामाजिक, आर्थिक और भोगौलिक तौर पर आए बदलाव में रही। सैन्य अधिकारियों की टीम बिहार की पाश्चात्य संस्कृति पर मोहित हो गई। पटना संग्रहालय और गंगा नदी के किनारे की सैर की तमन्ना बुधवार को पूरी हुई।



अफगानिस्तान के कर्नल एमडी सालेह, केन्या के कर्नल फ्रांसिस किम मुकरेजु, थाईलैंड के कर्नल सैम्पेन योसलेम और बांग्लादेश के ग्रुप कैप्टन फारुख इस्लाम गंगा दर्शन के बाद संग्रहालय पहुंचे। यहां रखे 200 वर्ष पुराने पेड़ को स्पर्श कर टीम के सदस्यों ने मजबूती की परख करनी चाही। बिहार की हजारों वर्ष पुरानी सभ्यता और शिल्प कौशल का नमूना तीसरी शताब्दी में बने चामर गृहिणी की मूर्ति के रूप में उन्हें देखने को मिला। संग्रहालय और की शान बुद्ध प्रतिमाएं बढ़ा रही थी। भगवान बुद्ध विभिन्न मुद्रा में बनी प्रतिमाओं की ओर टीम का आकर्षण रहा। भगवान बुद्ध की अस्थि अवशेष दीर्घा देख केन्या और थाईलैंड के कर्नल अभिभूत हुए। टीम के सदस्यों ने बिहार की संस्कृति को तस्वीरों के रूप में अपने साथ ले जाने की इच्छा प्रकट की। चार देशों के सैन्य अधिकारियों के साथ भारतीय सेना के छह ब्रिगेडियर भी थे।


अफगानी कला ने सालेह को चौंकाया


पहली शताब्दी की अफगानी कला का नमूना देख कर्नल एमडी सालेह चौंक उठे। अफगानी निर्माण शैली में बनी भगवान बुद्ध की प्रतिमा को दिखाया गया जिसमें उन्हें आभूषणों और भारी भरकम वस्त्रों से सुसज्जित बताया गया था। शहर-ए-बहलोल की कला को सालेह काफी देर तक निहारते रहे।

इस जमीन को मिलता है सकून

बिहार परिदर्शन के दौरान गंगा दर्शन करने गांधी घाट पहुंची सैन्य अधिकारियों की टीम ने तट पर शांति का अनुभव किया। थाईलैंड के कर्नल सैम्पेन योसलेम ने बताया कि गंगा का किनारा काफी सुंदर है और वहां मन को शांति मिलती है।
नालंदा, राजगीर और बोधगया की सैर


बुधवार सुबह पटना संग्रहालय में रखे धरोहरों को देखने के बाद चारों देशों के सैन्य अधिकारी नालंदा, राजगीर और बोधगया के लिए रवाना हो गये। राजगीर में रात्री विश्राम होगा। गुरुवार सुबह वे बोधगया पहुंचेंगे। चार दिवसीय यात्रा के बाद 3 फरवरी को वे वापस लौटेंगे।


पंचायत प्रतिनिधियों से जाना गांव का हाल


पटना पहुंचते ही चार देशों के सैन्य अधिकारियों ने बिहार के ग्रामीण परिवेश को जानना चाहा। उनलोगों ने पंचायत प्रतिनिधियों से बातचीत भी की। इस दौरान पंचायत प्रतिनिधियों ने सैन्य अधिकारियों को मनरेगा, स्वर्ण जयंती स्वरोजगार योजना, प्रधानमंत्री रोजगार योजना, आंगनबाड़ी केन्द्रों की दशा, पोशाक योजना, साइकिल योजना, वृद्धों, विकलांगों, विधवाओं को मिलने वाली पेंशन योजना की जानकारी दी। साथ ही इंदिरा आवास और स्वास्थ्य योजनाओं से बदली गांव की सूरत के बारे में बताया।


सीएम से मिले सैन्य अधिकारी


सैन्य अधिकारियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर नेशनल डिफेंस कॉलेज का प्रतीक चिह्न् भेंट किया। बिहार के इतिहास के बारे में सीएम ने अधिकारियों को बताया और कहा कि बिहार ने विश्व को शांति, अहिंसा व करुणा का संदेश दिया था। साथ ही राज्य में लोक सेवा व सूचना के अधिकार से लोगों को मिल रहे लाभ के बारे में भी सीएम ने बताया।

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