Sunday, February 5, 2012

स्थानीय लोगों के लिए 30 गुरुकुल खोले जायेंगे.सीआईआई की ओर से झारखंड समेत बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में गुरुकुल खोलने की प्रक्रिया jari 5/2/12

स्थानीय लोगों के लिए गुरुकुल खोले जायेंगे.

Posted by Kusum Thakur Sunday, February 05, 2012

स्थानीय लोगों की दक्षता बढ़ाने के लिए प्रदेश में 30 गुरुकुल खोले जाएंगे। उक्त घोषणा भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के पूर्वी क्षेत्र के चेयरमैन रणवीर सिन्हा ने गोपाल मैदान में आयोजित इंटरप्राइज 2012 में की। उन्होंने कहा कि इसके लिए गुमला में स्किल सेंटर बनाया गया है। इसके अलावा कोल्हान में अनेक गुरुकुल खोलने की योजना है, ताकि यहां के लोगों की दक्षता बढ़ाई जा सके।


श्री सिन्हा ने बताया कि सीआईआई की ओर से झारखंड समेत बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में गुरुकुल खोलने की प्रक्रिया जारी है। ओडिशा के बालासोर और पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में ऐसे ट्रेनिंग सेंटर खोले गए हैं। उन्होंने बताया गुरुकुल की स्थापना के लिए पैन आईआईटी एल्युमिनी के साथ सीआईआई ने करार किया है। इन गुरुकुलों में हॉस्पिटेलिटी, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, ऑटो, कारपेंटरी और फ्रंट डेस्क मैनेजमेंट की ट्रेनिंग दी जाएगी।

अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों में शिक्षा स्तर को बढ़ाना होगा। उनके कॉन्फिडेंस लेवल को बढ़ाने के लिए सॉफ्ट स्किल की ट्रेनिंग दी जाएगी। ऐसे लोगों में उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करना होगा। उनकी दक्षता बढ़ानी होगी, रोजगार से जोड़ना होगा।


सीआईआई के पूर्व प्रेसिडेंट डॉ जेजे ईरानी ने कहा कि कमजोर लोगों को केवल आरक्षण देकर मुख्य धारा में शामिल नहीं किया जा सकता। उनकी दक्षता बढ़ानी होगी। यह तभी होगा, जब इंडस्ट्री स्थानीय लोगों के साथ मिलकर काम करे। इसकी बेहतरीन मिसाल है टाटा स्टील। टाटा स्टील ने स्थानीय लोगों को विकास की प्रक्रिया में शामिल किया है।

रणवीर सिन्हा ने विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों से विकास में योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अगर उद्योगों ने अपनी सामाजिक जिम्मेवारी सही तरह से नहीं निभाई, तो फिर सरकार को कानून बनाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

ऐसी स्थिति में सामाजिक जिम्मेवारी निभाना उद्योगों की मजबूरी हो जाएगी। चेयरमैन ने उद्योग के सभी प्रतिनिधियों को सीआईआई कोड ऑफ कंडक्ट साइन करने को कहा, ताकि इस चुनौती का सामना किया जा सके। स्वागत भाषण आरएसबी ट्रांसमिशन के प्रबंध निदेशक एसके बेहरा, जबकि संचालन टाटा मोटर्स के प्लांट हेड पीके चोबे ने किया।

झारक्राफ्ट के एमडी धीरेंद्र कुमार ने बताया कि अगले तीन साल में झारक्राफ्ट एक हजार करोड़ टर्नओवर करने वाली कंपनी बन जाएगी। रोजगार और उद्यमशीलता विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में 80 करोड़ का टर्नओवर है, जो छह साल पहले तक केवल 50 लाख था। इससे प्रदेश के सवा लाख लोगों को रोजगार मिला है।

जयपुर रेग्स एंड कंपनी के डायरेक्टर संजय सिंह, टाटा मोटर्स की एजीएम जयंती दत्त और टाटा बिजनेस सॉल्यूशंस सर्विसेज की शिप्रा झा ने भी विचार रखे। दूसरे सत्र में ओपी जिंदल कम्युनिटी कॉलेज के डायरेक्टर मरियम कार्टर, टाटा स्टील के बिरेन भूटा और जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ ट्राइबल एजुकेशन के फादर एफए आगस्टीन ने भी अपने विचार रखे।
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