Tuesday, January 17, 2012

विकास के नाम पर उत्तराखंड में लूट.

विकास के नाम पर उत्तराखंड में लूट.

Posted by Kusum Thakur Tuesday, January 17, 2012

काग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को उत्तराखंड के रुड़की में चुनाव रैली को संबोधित करते हुए कहा कि विकास के नाम पर उत्तराखंड की खूबसूरत प्रकृति प्रदत्त संसाधन को लूटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में लूट और बेईमानी का बोलबाला है। उत्तराखंड सरकार केंद्र के पैसे का सही इस्तेमाल नहीं कर रही है। वे आज उत्तराखड में रुड़की के साथ-साथ टिहरी में भी चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगी। उत्तराखड में आगामी 30 जनवरी को चुनाव होना है। सोनिया शाम यहा जॉलीग्राट हवाई अड्डे पर पहुंची और रात में ठहरने के लिए सीधे राजभवन रवाना हो गई।

कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी सोमवार शाम देहरादून पहुंच गई। उन्हें मंगलवार को रुड़की और नई टिहरी में दो जनसभाओं को संबोधित करना है। दरअसल, पिछले कुछ समय के दौरान सोनिया के चमोली जिले में गौचर व नैनीताल जिले में हल्द्वानी में दो पूर्व निर्धारित कार्यक्रम टल गए थे जिससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में मायूसी नजर आई। इस बार मौसम के मिजाज को देखते हुए सोनिया गांधी एक दिन पहले ही देहरादून पहुंच गई। सोमवार को कांग्रेस प्रचार के लिए प्रियंका गांधी ने भी अमेठी समेत रायबरेली का दौरा किया था। हालांकि उन्होंने वहां किसी रैली को संबोधित नहीं किया। प्रियंका का दौरा जहां आज भी जारी रहेगा वहीं कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी भी आज बुंदेलखंड के दौरे पर है।

ख़राब मौसम की वजह से उत्तरकाशी जिले में चुनाव प्रचार की गति पर 'ब्रेक' लगा दिए हैं। जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी हिमपात के चलते विभिन्न सियासी दलों के प्रत्याशी व उनके समर्थक दूरस्थ गांवों में फंसे हुए हैं। मौसम का असर चुनाव प्रचार पर सबसे ज्यादा उत्तरकाशी की पुरोला और यमुनोत्री विधानसभा सीट पर नजर आ रहा है। प्रत्याशियों को जगह-जगह अपने प्रचार कार्यक्रम स्थगित करने पड़े हैं। भारी हिमपात और खराब मौसम से सभी प्रचार कार्यक्रमों को झटका लगा है।

नामवापसी के बाद सोमवार को राज्य की सभी 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव मैदान में डटे प्रत्याशियों की तस्वीर साफ हो गई। कल कुल 80 प्रत्याशियों ने अपने नाम वापस ले लिए, जिसके बाद 30 जनवरी को होने जा रहे विधानसभा चुनावी समर में ताल ठोक रहे योद्धाओं की संख्या 789 रह गई। राज्य में पिछले दो विधानसभा चुनाव की अपेक्षा इस दफा सबसे कम प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे हैं। वर्ष 2002 के पहले विधानसभा चुनाव में 927 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा था जबकि वर्ष 2007 के चुनाव में प्रत्याशियों की कुल संख्या 806 थी।
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