Dedicated to the 26/11 memory(Poems Submitted by Vibha Tailang (Chaudhary) (1983) - 26-Nov-2009 10:40)(Baraunian's website)
और अब कब तक सहेंगे ...??
आत्तंक के साये में अब और न जियेंगे !!
यह शुरुआत है एक जंग, हर गलत के खिलाफ
जो हाथ मारने को उठे निर्दोष को, वह रोक दिए जायेंगे !!
आतंक मन पर हो या तन पर
अब और ना सहे जायेंगे, अब और ना सहे जायें.
हमारी मान्शक्ति, भारी पड़ेगी उन् सब हथियारों पर
यह आनेवाले हर दिन में, हम साबित कर बतायेंगे
हम सिर्फ बातों के धनी, कागज़ के शेर नहीं
हम अब और ना सहेंगे,
आवाज़ रोज़ उठाएंगे और इससे साबित कर बतायेंगे !!!
कि पार्लिआमेंट हो या देश का कोई हिस्सा,
अब हम आतंक के काले साये को मन पर भी नहीं छाने देंगे !!!
हम तैयार हैं किसी जाँच परख के लिए
पर अब और कब तक सहेंगे ...अब और कब तक सहेंगे ???
भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन, अमेरिका ...जो भी हो
जवाब चाहिए....????
अब हम आतंक के साये में और ना जियेंगे
और ना जियेंगे !!!
यह है शपथ ! यह है शपथ !
मुंबई के शहीदों को याद कर उन सबको श्रधांजलि
जो जो इंनके शिकार हुए, और हमारे लिए लड़ कर शहीद हुए !!!
विभा तैलंग (चौधरी) (१९८३)
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