राष्ट्रीय महिला आयोग संपूर्ण और गंभीर रूप से भ्रष्ट है.
अनकही पर 2:13 PM प्रस्तुतकर्ता रजनीश के झा (Rajneesh K Jha)
Comptroller & Auditor General (CAG) की मार्च २०१० की रिपोर्ट साबित करती है की राष्ट्रीय महिला आयोग संपूर्ण और गंभीर रूप से भ्रष्ट है! २००८-०९ में आई १२,८९५ शिकयतों में से सिर्फ़ ७,५०९ पर गौर किया गया और उन में से केवल १०७७ पर कार्यवाई के गयी!
जेल में औरतों की दशा का जायज़ा पिछले ४ सालों में एक बार भी नही लिया गया! मथुरा और पाशिम बंगाल में रहने वाली विधवाओं की दशा भारत में सबसे दुखद है पर भारतीय महिला आयोग को इस बारे मे पता भी नही था जब तक सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को जाँच के आदेश नही दिए थे! इन विधवाओं के लिए अब तक क्या किया गया? ऐसी अनगिनत विधवाओं और ग़रीब महिलाओं के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग ने क्या किया?
राष्ट्रीय महिला आयोग उन महिलाओं की मदद नही करता जिनको असल मे मदद, सहारे और इंसाफ़ की ज़रूरत है... बल्कि यह "नारी सशक्तिकरन" के नाम पर सिर्फ़ लालची और स्वार्थी बीवियों का साथ देती हैं! क्या इन्हे उन माताओं, बहनों और भाभियों की तकलीफ़ दिखाई नही देती जो स्वार्थी बीवियों द्वारा पुलिस और क़ानून का ग़लत इस्तेमाल करके टॉर्चर की जाती हैं??? यह आयोग आख़िर क्या चाहता है?
इसमे कोई शक़ नही है कि यह भारत के परिवारों को और समाज को जड़ से उखाड़ना चाहता है!राष्टीय महिला आयोग को फ़ौरन बंद कर देना चाहिए और हमें समाज की भलाई के लिए कुछ नया सोचना चाहिए!
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